डॉ. अभिषेक द्विवेदी की चेतावनी:
“मौसम की इस ‘असमंजस’ से डरें! ट्रिपल अटैक से बचकर रहना है”
नमस्ते! मैं हूँ डॉ. अभिषेक द्विवेदी, निदेशक, मंथन हॉस्पिटल, प्रयागराज।
आज मैं आपसे बात करने आया हूँ एक ऐसी चिंताजनक स्थिति पर, जो इस समय दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, बल्कि प्रयागराज समेत पूरे उत्तर भारत को अपनी चपेट में ले चुकी है।
हमारे अस्पतालों में खाँसी, ज़ुकाम, थकान और साँस की तकलीफ़ वाले मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। लोग इसे सामान्य सर्दी-ज़ुकाम मानकर नज़रअंदाज़ कर रहे हैं, पर मेरा अनुभव कहता है — यह एक साधारण मौसमी बीमारी नहीं, बल्कि एक खतरनाक ‘ट्रिपल अटैक’ है।
ट्रिपल अटैक यानी:
- बढ़ती नमी और अस्थिर तापमान (न सर्दी, न गर्मी)।
- प्रदूषण के हानिकारक महीन कण (PM 2.5)।
- वायरल संक्रमण (इन्फ्लूएंजा, राइनोवायरस, कोविड जैसे लक्षण वाले वायरस)।
जब ये तीनों एक साथ हमला करते हैं, तो बीमारी 2-3 दिन में ठीक होने की बजाय 10-14 दिनों तक खिंच जाती है।
1️⃣ ट्रिपल अटैक को समझें: जब मौसम ही दुश्मन बन जाए
1.1 असमंजस भरा मौसम: वायरस का प्रजनन काल
डॉ. द्विवेदी बताते हैं कि यह मौसम वायरस के लिए ‘स्वर्ग’ जैसा है — दिन में गर्मी, रात में ठंडक, और लगातार बनी नमी। यह मिश्रण राइनोवायरस और इन्फ्लूएंजा को तेजी से फैलाता है, जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है।
1.2 प्रदूषण का हानिकारक कवच
प्रदूषण के कण (PM 2.5 और PM 10) हमारी साँस की नली में सूजन पैदा करते हैं, जिससे वायरल संक्रमण के लिए रास्ता बन जाता है। यही कारण है कि इस मौसम में सूखी खाँसी, गले में जलन और आँखों में पानी आना आम हो गया है।
1.3 कोविड-फ्लू लक्षणों का मिश्रण
लक्षणों में लगातार खाँसी, गले में खराश, हल्का बुखार और थकान शामिल हैं। डॉ. द्विवेदी कहते हैं — “हमें हर बीमारी को कोविड नहीं समझना है, लेकिन हर गंभीर लक्षण को नजरअंदाज भी नहीं करना है।”
2️⃣ कौन सबसे ज़्यादा खतरे में हैं?
- अस्थमा और COPD के मरीज: रात और सुबह के समय खाँसी व सीने में जकड़न बढ़ जाती है।
- बुज़ुर्ग: कमजोर इम्यूनिटी के कारण वायरस का असर तेज़ी से होता है।
- बच्चे: स्कूल और प्लेग्राउंड में संक्रमण फैलाने के मुख्य वाहक बनते हैं।
3️⃣ डॉ. द्विवेदी के 5 विशिष्ट बचाव सुझाव
I. नाक और फेफड़ों का सुरक्षा कवच
N95 मास्क पहनें, एयर प्यूरीफायर या पौधे (स्नेक प्लांट) लगाएँ।
II. हाइड्रेशन ही डिटॉक्स है
गुनगुना पानी, हर्बल टी या हल्दी वाला दूध पीएँ — ये गले की सूजन कम करते हैं और टॉक्सिन्स निकालते हैं।
III. इम्यूनिटी बूस्टर डाइट
विटामिन C, ज़िंक और एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लें। ठंडी चीज़ों से परहेज करें।
IV. व्यक्तिगत स्वच्छता
बाहर से आने के बाद हाथ-मुँह धोएँ, आँखों को ठंडे पानी से साफ करें।
V. क्रॉनिक बीमारियों की अनदेखी न करें
अगर खाँसी 7 दिन से ज़्यादा रहे या साँस लेने में कठिनाई हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मंथन ही सुरक्षा है — थोड़ी सावधानी, सही मार्गदर्शन और समय पर इलाज ही इस ‘ट्रिपल अटैक’ का असली इलाज है।
मंथन हॉस्पिटल — जहाँ इलाज के साथ समझ भी दी जाती है 💙
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