वर्ल्ड हार्ट डे 2025: क्यों बढ़ रहे हैं युवाओं में हार्ट अटैक? डॉक्टर की 7 गोल्डन टिप्स

नमस्ते! मैं, डॉ. अभिषेक द्विवेदी, निदेशक, मंथन हॉस्पिटल, आज आपसे एक ऐसे विषय पर बात करने आया हूँ जो सीधे जीवन की धड़कन से जुड़ा है।

आज, 29 सितंबर को हम विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) मना रहे हैं। यह सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा ‘जागरूकता अलार्म’ है। हृदय हमारे शरीर का इंजन है, जो बिना रुके जीवन का संगीत बजाता है। लेकिन क्या हम इस इंजन की देखभाल कर रहे हैं?

आज इस विशेष दिन पर, मैं सिर्फ हृदय रोगों के जोखिमों की बात नहीं करूँगा, बल्कि उस सबसे बड़ी चिंता पर प्रकाश डालूँगा जिसने हमें झकझोर दिया है: युवाओं में दिल की बीमारियों का तेज़ी से बढ़ना। मेरा मानना है कि यह लेख न केवल आपको इस विशेष दिन से अवगत कराएगा, बल्कि आपके जीवन में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव लाने का काम करेगा।


विश्व हृदय दिवस: क्यों ज़रूरी है यह वैश्विक पुकार?

विश्व हृदय दिवस की शुरुआत वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (World Heart Federation) द्वारा 2000 में की गई थी, जिसका उद्देश्य हृदय रोगों (Cardiovascular Diseases – CVDs) से होने वाली मृत्यु दर को कम करना था। आँकड़े बताते हैं कि आज भी दुनिया भर में हर साल लगभग 1.8 करोड़ लोग हृदय रोगों के कारण अपनी जान गँवाते हैं।

इस दिन का उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि 80% हृदय रोग और स्ट्रोक (Stroke) को रोका जा सकता है—सिर्फ़ जीवनशैली में छोटे-से बदलाव करके।

विश्व हृदय दिवस 2025 का थीम है: “Don’t Miss a Beat”—यानी अपनी धड़कन को न चूकें। इसका सीधा मतलब है: हृदय स्वास्थ्य की अनदेखी न करें, हर छोटे संकेत पर ध्यान दें, और अपनी ज़िंदगी का एक भी कीमती पल दिल की बीमारी के कारण न गँवाएँ।


सबसे बड़ी चिंता: युवाओं में बढ़ते हृदय रोग

एक समय था जब हृदय रोगों को बुढ़ापे की बीमारी माना जाता था। दुर्भाग्य से, पिछले एक दशक में यह तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। 30 से 45 वर्ष की आयु के बीच के युवाओं में दिल के दौरे (Heart Attacks) और हृदय फेलियर (Heart Failure) के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। यह एक सामाजिक और स्वास्थ्य आपातकाल है।

युवाओं में हृदय रोग बढ़ने के 5 प्रमुख कारण क्या हैं?

  1. मानसिक तनाव और प्रतिस्पर्धा (Chronic Stress) : कॉर्पोरेट जीवन की भाग-दौड़, करियर का दबाव, और सामाजिक अपेक्षाएँ युवाओं में ‘स्ट्रेस हॉर्मोन’ (जैसे कोर्टिसोल) को बढ़ाती हैं। यह सीधा रक्तचाप बढ़ाता है और हृदय की धमनियों को नुकसान पहुँचाता है।
  2. निष्क्रिय जीवनशैली (Sedentary Lifestyle) : घंटों कुर्सी पर बैठकर काम करना, शारीरिक गतिविधि की कमी और एक्सरसाइज़ को नज़रअंदाज़ करना, मोटापे और कोलेस्ट्रॉल को जन्म दे रहा है।
  3. अनियंत्रित आहार : जंक फ़ूड, ज़्यादा नमक, चीनी और ट्रांस फैट से भरा भोजन धमिनयों में ब्लॉकेज (Blockage) की नींव रखता है।
  4. छिपे हुए रोग (Undiagnosed Conditions) : युवा अक्सर अपने बढ़ते रक्तचाप या शुरुआती मधुमेह को जाँचते नहीं हैं। ये “साइलेंट किलर” भीतर ही भीतर किडनी और हृदय को नुकसान पहुँचाते रहते हैं।
  5. तम्बाकू और धूम्रपान का चलन : सिगरेट, ई-सिगरेट (Vaping) और तम्बाकू उत्पादों का सेवन धमनियों को संकरा करता है और दिल के दौरे के खतरे को 2 से 4 गुना तक बढ़ा देता है।

डॉ. अभिषेक द्विवेदी के तौर पर मैं आपको स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि आज का युवा अपने स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी जोखिम उठा रहा है। हमें इस चुप्पी को तोड़ना होगा।


हृदय को नुकसान पहुँचाने वाले 5 ‘साइलेंट किलर’ जोखिम कारक

हृदय रोगों से बचने के लिए, आपको अपने शरीर के इन 5 ‘शत्रुओं’ को जानना होगा:

  1. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) : यह धमनी की दीवारों पर निरंतर उच्च दबाव डालता है, जिससे नसें कमज़ोर हो जाती हैं। यह बिना किसी लक्षण के धीरे-धीरे हृदय को बड़ा और कमज़ोर करता जाता है।
  2. मधुमेह (Diabetes) : अनियंत्रित शुगर रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुँचाती है और उन्हें सख्त बनाती है, जिससे हृदय तक रक्त का प्रवाह मुश्किल हो जाता है।
  3. उच्च कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) : रक्त में ख़राब कोलेस्ट्रॉल (LDL) का जमाव धमनियों में प्लाक (Plaque) बनाता है, जिससे हृदय को ख़ून पहुँचाने वाली नसें संकरी हो जाती हैं और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
  4. पेट की चर्बी (Belly Fat/Obesity) : पेट के आस-पास जमा वसा शरीर में सूजन (Inflammation) को बढ़ाती है, जिसका सीधा संबंध हृदय रोग और इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) से है।
  5. नींद की कमी और तनाव : लगातार तनाव और अपर्याप्त नींद से रक्तचाप बढ़ता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

अपने हृदय को स्वस्थ रखने के 7 मूल मंत्र (Dr. Dwivedi’s Golden Rules)

मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि एक स्वस्थ हृदय किसी दवा से नहीं, बल्कि रोज़ाना की अच्छी आदतों से बनता है। ये 7 मूल मंत्र आपको हृदय रोग से दूर रखेंगे:

  1. ‘5 का नियम’ अपनाएँ (Diet) : रोज़ाना 5 तरह के फल और सब्ज़ियाँ खाएँ। नमक (5 ग्राम से कम), चीनी और ट्रांस फैट से पूरी तरह बचें।
  2. हर दिन 30 मिनट का व्यायाम : रोज़ कम से कम 30 मिनट तेज़ चलें, दौड़ें या योग करें। सक्रिय रहना आपके हृदय को मजबूत बनाता है।
  3. धूम्रपान को ‘न’ कहें : तम्बाकू या किसी भी रूप में धूम्रपान तुरंत छोड़ दें। यह आपके हृदय के लिए सबसे बड़ा उपहार होगा।
  4. तनाव प्रबंधन : योग, ध्यान (Meditation) या अपने किसी शौक़ के माध्यम से तनाव को नियंत्रित करें। मानसिक स्वास्थ्य सीधा हृदय स्वास्थ्य से जुड़ा है।
  5. अपने ‘नंबर्स’ जानें : नियमित रूप से अपना रक्तचाप (BP), रक्त शर्करा (Blood Sugar) और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) स्तर जाँचें। अगर आपको मधुमेह या उच्च रक्तचाप है, तो दवाएँ समय पर लें।
  6. वज़न नियंत्रण : अपने बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को सामान्य रेंज में रखें, और खासकर पेट की चर्बी को कम करें।
  7. 7 घंटे की नींद : रोज़ रात को कम से कम 7-8 घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद लें।

मंथन हॉस्पिटल का वादा

“Don’t Miss a Beat” का मतलब है कि अब चूकने की कोई गुंजाइश नहीं है। अपनी धड़कन और अपने जीवन के हर पल को महत्व दें।

मंथन हॉस्पिटल में, हम हृदय रोगों के निदान और उपचार में पूरी तरह सक्षम हैं। हमारा उद्देश्य अत्याधुनिक तकनीक के साथ व्यक्तिगत और समग्र देखभाल प्रदान करना है। आपका स्वास्थ्य हमारा कर्तव्य है।

आइए, इस विश्व हृदय दिवस पर हम सब मिलकर एक स्वस्थ हृदय और स्वस्थ भारत का संकल्प लें।

Disclaimer: यह जानकारी केवल जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। यह किसी भी चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है। हृदय संबंधी किसी भी समस्या के लिए हमेशा कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श करें।