पेट क्यों निकल रहा है? सिर्फ खाने से नहीं, इन 5 कारणों से भी बढ़ता है बेली फैट – डॉ. अभिषेक द्विवेदी

नमस्ते! मैं डॉ. अभिषेक द्विवेदी, निदेशक, मंथन हॉस्पिटल, नैनी, प्रयागराज से।

आज मैं आपसे एक ऐसे सवाल के बारे में बात करने जा रहा हूँ, जो शायद हम सभी ने कभी न कभी खुद से पूछा है: “मेरा पेट क्यों निकल रहा है?” हममें से ज़्यादातर लोग इसका सीधा कारण अपने खान-पान को मानते हैं, और यह सच भी है, लेकिन मेरे अनुभव में, बेली फैट यानी पेट की चर्बी बढ़ने के पीछे कुछ और भी बड़े कारण हैं, जिन्हें अक्सर हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं।

पेट की चर्बी केवल आपके लुक को ही नहीं बिगाड़ती, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज और दिल की बीमारियों से भी सीधे तौर पर जुड़ी है। मंथन हॉस्पिटल में हम रोजाना ऐसे कई मरीज़ देखते हैं जो पेट की बढ़ती चर्बी से परेशान हैं। आज मैं आपको बताऊंगा कि सिर्फ खाने-पीने से नहीं, बल्कि इन 5 अन्य कारणों से भी आपका पेट क्यों बढ़ रहा है, और इनसे बचने के लिए आप क्या कर सकते हैं।


1. कार्बोहाइड्रेट्स का साम्राज्य

डॉ. अभिषेक बताते हैं कि हमारा भोजन ही हमारी सबसे बड़ी ताकत और कमजोरी दोनों है। हम भारतीयों की डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स का प्रभुत्व बहुत ज़्यादा है। सुबह ब्रेड, दोपहर को चावल और रात में रोटी। यह हमारे शरीर में पूरे दिन कार्बोहाइड्रेट्स की एक भारी मात्रा जमा कर देता है।

यह बेली फैट कैसे बनाता है? जब हम ज़्यादा कार्बोहाइड्रेट्स खाते हैं, तो हमारा शरीर उसे ग्लूकोज में बदल देता है। यदि यह ग्लूकोज तुरंत ऊर्जा के रूप में उपयोग नहीं होता है, तो हमारा शरीर इसे वसा (Fat) के रूप में जमा करने लगता है। यह वसा विशेष रूप से पेट के आस-पास के अंगों पर विसरल फैट (Visceral Fat) के रूप में जमा होती है। विसरल फैट बहुत ही खतरनाक होता है, क्योंकि यह सीधे हमारे अंगों को ढकता है और कई बीमारियों का कारण बनता है।

डॉ. द्विवेदी की सलाह: अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स को पूरी तरह से न हटाएँ, बल्कि उसकी मात्रा को नियंत्रित करें। रिफाइंड कार्ब्स (मैदा, सफेद चावल) की जगह फाइबर से भरपूर साबुत अनाज (जौ, ब्राउन राइस, बाजरा) को शामिल करें।


2. तनाव और नींद की कमी

यह सबसे बड़ा कारण है, जिसे लोग अक्सर अनदेखा कर देते हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव (Stress) और नींद की कमी (Lack of Sleep) एक आम समस्या बन गई है। डॉ. अभिषेक बताते हैं कि जब हम तनाव में होते हैं या पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो हमारे शरीर में कोर्टिसोल (Cortisol) नामक स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है।

यह बेली फैट कैसे बनाता है? कोर्टिसोल न केवल हमारी बेचैनी और चिड़चिड़ापन बढ़ाता है, बल्कि यह हमारे शरीर को वसा जमा करने का सीधा संकेत भी देता है, और यह वसा सबसे पहले पेट के पास ही जमा होती है। यही वजह है कि जिन लोगों को बहुत ज़्यादा तनाव रहता है, उनका पेट अक्सर फूला हुआ और सख्त होता है, भले ही वे ज़्यादा न खाते हों।

डॉ. द्विवेदी की सलाह: अपने तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान (Meditation) और गहरी साँस लेने के व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। रोज़ाना 7-8 घंटे की गहरी और अच्छी नींद लेने की कोशिश करें।


3. हार्मोनल असंतुलन और उम्र का असर

डॉ. अभिषेक का कहना है कि उम्र बढ़ने के साथ, हमारे शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो सीधे तौर पर पेट की चर्बी को प्रभावित करते हैं।

  • महिलाओं में: रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद, एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। एस्ट्रोजन शरीर में वसा के वितरण को नियंत्रित करता है। इसके स्तर में कमी से वसा कूल्हों और जांघों से हटकर पेट के क्षेत्र में जमा होने लगती है।
  • पुरुषों में: पुरुषों में, उम्र के साथ टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम होता है, जिससे मांसपेशियों का द्रव्यमान कम होता है और पेट के आसपास वसा जमा होती है।

यह बेली फैट कैसे बनाता है? ये हार्मोनल शिफ्ट हमारे शरीर के मेटाबोलिज्म को धीमा कर देते हैं। इससे शरीर की कैलोरी जलाने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे वजन बढ़ता है, खासकर पेट के हिस्से में।

डॉ. द्विवेदी की सलाह: हार्मोनल बदलाव को नियंत्रित नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे सही जीवनशैली से प्रबंधित ज़रूर किया जा सकता है। नियमित व्यायाम (खासकर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग) और संतुलित आहार इस बदलाव के असर को कम कर सकते हैं।


4. हल्की-फुल्की वॉक पर्याप्त नहीं

हम में से कई लोग सोचते हैं कि दिन भर में थोड़ी-बहुत वॉक कर लेने से बेली फैट कम हो जाएगा। डॉ. अभिषेक का कहना है कि यह एक बड़ा भ्रम है। हल्की वॉक सेहत के लिए अच्छी है, लेकिन यह विसरल फैट (पेट के अंदर जमा हुआ खतरनाक फैट) को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं होती।

यह बेली फैट कैसे बनाता है? बेली फैट को कम करने के लिए आपके शरीर को इतनी मेहनत करने की ज़रूरत होती है कि आपके दिल की धड़कन तेज हो जाए और आपको पसीना आए। अगर आप धीरे-धीरे टहलते हैं, तो शरीर केवल कुछ कैलोरी जलाता है, लेकिन फैट बर्न नहीं होता।

डॉ. द्विवेदी की सलाह: बेली फैट को कम करने के लिए हाई-इंटेंसिटी एक्सरसाइज करें। जैसे: तेज चलना (ब्रिस्क वॉकिंग), जॉगिंग, साइकिल चलाना, स्विमिंग, या कार्डियो एक्सरसाइज। रोज़ाना कम से कम 30-40 मिनट की ऐसी कसरत ज़रूर करें।


5. प्रोसेस्ड फूड और हार्मोनल असंतुलन

यह भी एक बहुत ही बड़ा कारण है। पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स से फाइबर और जरूरी पोषक तत्व निकल जाते हैं और इनमें रिफाइंड अनाज, चीनी और अनहेल्दी फैट्स की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। ये न केवल हमारे पाचन तंत्र को धीमा करते हैं, बल्कि हमारे शरीर में सूजन भी पैदा करते हैं।

यह बेली फैट कैसे बनाता है? प्रोसेस्ड फूड्स में मौजूद अतिरिक्त चीनी और रिफाइंड कार्ब्स हमारे इंसुलिन स्तर को अचानक बढ़ा देते हैं, जिससे शरीर में फैट जमा होने लगता है, विशेषकर पेट के आस-पास। डॉ. अभिषेक के अनुसार, यह एक हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है जो बेली फैट को बढ़ाता है और कम करना और भी मुश्किल बना देता है।

डॉ. द्विवेदी की सलाह: अपनी डाइट में ताजे फल, हरी सब्जियां, और फाइबर से भरपूर अनाज को ज़रूर शामिल करें। डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन सीमित करें और पैकेज्ड जूस, चिप्स और बिस्किट्स से दूर रहें।

डॉ. अभिषेक द्विवेदी का अंतिम संदेश: याद रखें, पेट की चर्बी सिर्फ एक दिखने वाली समस्या नहीं है, यह एक चेतावनी है। यह आपको बता रही है कि आपके शरीर के अंदर कुछ ठीक नहीं है। सिर्फ जिम जाने से या डाइट करने से नहीं, बल्कि अपनी जीवनशैली के सभी पहलुओं पर ध्यान देने से ही इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

अपने शरीर का ख्याल रखें, क्योंकि यह आपका सबसे अनमोल धन है।


अस्वीकरण (Disclaimer): यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। यह किसी भी तरह से पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या बीमारी से संबंधित जानकारी के लिए, हमेशा अपने डॉक्टर या किसी योग्य स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर कभी भी पेशेवर चिकित्सा सलाह की उपेक्षा न करें या उपचार में देरी न करें।