"मंथन हॉस्पिटल में मुंह के कैंसर के सफल ऑपरेशन की तस्वीर, जिसमें डॉ. आशीष कुमार पांडेय और सर्जरी का एक दृश्य दिख रहा है।"

नई मुस्कान, नया जीवन : मंथन हॉस्पिटल में मुंह के कैंसर का जटिल ऑपरेशन सफल – डॉ. आशीष कुमार पांडेय की सर्जिकल विजय

"मंथन हॉस्पिटल में मुंह के कैंसर के सफल ऑपरेशन की तस्वीर, जिसमें डॉ. आशीष कुमार पांडेय और सर्जरी का एक दृश्य दिख रहा है।"

नमस्ते! मंथन हॉस्पिटल – मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की ओर से, मैं, डॉ. अभिषेक द्विवेदी, आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। आज मैं आपको एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी सुनाना चाहता हूँ जो हमारे अथक प्रयासों, अत्याधुनिक सुविधाओं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हाल ही में, नैनी स्थित हमारे मंथन हॉस्पिटल में मुंह के कैंसर से पीड़ित 44 वर्षीय एक मरीज का डॉ. आशीष कुमार पांडेय ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया, जिसने न केवल एक जीवन बचाया, बल्कि एक परिवार के चेहरे पर वापस मुस्कान लौटा दी। अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्र (प्रकाशित तिथि: 30/04/2025) ने भी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को कवर किया, जो हमारे लिए गर्व का विषय है।

यह कहानी केवल एक सर्जरी की नहीं, बल्कि उम्मीद, साहस और चिकित्सा विज्ञान के चमत्कार की है। आइए, इस जटिल ऑपरेशन की बारीकियों को समझें और जानें कि कैसे मंथन हॉस्पिटल की टीम ने इस चुनौती को स्वीकार किया और एक नया जीवन प्रदान किया।

जब कैंसर ने दी दस्तक: मरीज मोहन की कहानी

हमारे 44 वर्षीय मरीज, जिनका हम यहाँ मोहन (काल्पनिक नाम) के रूप में उल्लेख करेंगे, कुछ महीनों से मुंह में एक घाव और लगातार बढ़ते दर्द से परेशान थे। उन्होंने शुरुआत में इसे सामान्य छाला या संक्रमण समझा, लेकिन जब दर्द असहनीय हो गया और घाव ठीक होने का नाम नहीं ले रहा था, तो उनके परिवार ने उन्हें मंथन हॉस्पिटल लाने का फैसला किया।

हमारी प्रारंभिक जांच और बायोप्सी रिपोर्ट ने एक चिंताजनक सत्य उजागर किया: मोहन को मुंह का कैंसर था। यह खबर मोहन और उनके परिवार के लिए वज्रपात की तरह थी। कैंसर, खासकर मुंह का कैंसर, न केवल शारीरिक रूप से कमजोर करता है, बल्कि बोलने, खाने और सामान्य जीवन जीने की क्षमता को भी प्रभावित करता है, जिससे सामाजिक अलगाव और मानसिक पीड़ा होती है। परिवार सदमे में था, लेकिन हमने उन्हें विश्वास दिलाया कि हम हर संभव प्रयास करेंगे।

मोहन का मामला जटिल था क्योंकि कैंसर काफी हद तक फैल चुका था और मुंह के महत्वपूर्ण हिस्सों को प्रभावित कर रहा था। ऐसे मामलों में, सर्जरी ही अक्सर सबसे प्रभावी उपचार विकल्प होता है, लेकिन इसमें न केवल कैंसर को पूरी तरह से हटाना होता है, बल्कि मरीज के चेहरे और बोलने-खाने की क्षमता को भी यथासंभव बनाए रखना होता है, जो प्लास्टिक सर्जरी के बिना संभव नहीं।

"मंथन हॉस्पिटल में मुंह के कैंसर के सफल ऑपरेशन की तस्वीर, जिसमें डॉ. आशीष कुमार पांडेय और सर्जरी का एक दृश्य दिख रहा है।"

डॉ. आशीष कुमार पांडेय: विशेषज्ञता और समर्पण का प्रतीक

हमारे प्रसिद्ध सर्जन, डॉ. आशीष कुमार पांडेय, जो ऑन्कोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं, ने मोहन के मामले को हाथ में लिया। डॉ. पांडेय ने रोगी के केस का गहन विश्लेषण किया और परिवार के साथ विस्तार से चर्चा की। उन्होंने उन्हें ऑपरेशन की पूरी प्रक्रिया, संभावित जोखिमों और सफल परिणाम की संभावनाओं के बारे में समझाया। उनकी शांत और आत्मविश्वास भरी बातों ने मोहन और उनके परिवार को बहुत ढांढस बंधाया।

डॉ. पांडेय के नेतृत्व में, हमारी मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम (जिसमें एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, प्लास्टिक सर्जन, नर्सिंग स्टाफ और अन्य विशेषज्ञ शामिल थे) ने ऑपरेशन की विस्तृत योजना बनाई। इस तरह के जटिल कैंसर ऑपरेशन में सिर्फ कैंसर कोशिकाओं को हटाना ही पर्याप्त नहीं होता, बल्कि आसपास के स्वस्थ ऊतकों को बचाना और बाद में कार्यक्षमता और सौंदर्य को बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

छह घंटे की चुनौती: ऑपरेशन और प्लास्टिक सर्जरी का समन्वय

ऑपरेशन का दिन आ गया। यह एक लंबी और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया होने वाली थी। डॉ. आशीष कुमार पांडेय ने अपनी टीम के साथ मिलकर छह घंटे तक चले इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया। यह सर्जरी कई मायनों में असाधारण थी:

कार्यक्षमता का पुनर्स्थापन: इस प्लास्टिक सर्जरी का उद्देश्य केवल चेहरे की आकृति को बनाए रखना नहीं था, बल्कि मोहन को फिर से सामान्य रूप से खाने, बोलने और निगलने की क्षमता प्रदान करना भी था। यह सुनिश्चित किया गया कि सर्जरी के बाद उनकी जीवन गुणवत्ता यथासंभव बेहतर हो।

ट्यूमर को हटाना: सबसे पहले, कैंसरग्रस्त ट्यूमर को अत्यंत सावधानी से हटाया गया, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी कैंसर कोशिका पीछे न छूटे। यह प्रक्रिया सूक्ष्मता और सटीकता की मांग करती है ताकि पुनरावृत्ति (recurrence) का जोखिम कम हो।

प्लास्टिक सर्जरी (Reconstructive Surgery): कैंसरग्रस्त ऊतक को हटाने के बाद, मुंह और चेहरे की संरचना में एक बड़ा खालीपन आ जाता है। यहीं पर प्लास्टिक सर्जरी का महत्व सामने आता है। डॉ. पांडेय ने तुरंत पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू की। इसमें शरीर के अन्य हिस्से (जैसे जांघ या हाथ) से स्वस्थ ऊतक (मांसपेशी, त्वचा और रक्त वाहिकाएं) लेकर उसे मुंह में प्रत्यारोपित किया गया। यह माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी होती है, जिसमें सूक्ष्म रक्त वाहिकाओं को जोड़ना शामिल होता है ताकि प्रत्यारोपित ऊतक को रक्त की आपूर्ति मिल सके और वह जीवित रहे।

पूरी टीम ने ऑपरेशन थिएटर में अटूट ध्यान और तालमेल के साथ काम किया। छह घंटे के अथक प्रयास के बाद, ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह डॉ. आशीष कुमार पांडेय के अनुभव, उनकी सर्जिकल कौशल और मंथन हॉस्पिटल की विश्व-स्तरीय सुविधाओं का ही परिणाम था।

एक नई शुरुआत: रिकवरी और आभार

ऑपरेशन के बाद की अवधि भी उतनी ही महत्वपूर्ण थी। मोहन को हमारी गहन देखभाल इकाई (ICU) में रखा गया, जहाँ हमारी समर्पित नर्सिंग टीम और डॉक्टरों ने उनकी निरंतर निगरानी की। उनकी रिकवरी धीरे-धीरे लेकिन लगातार हो रही थी। फिजियोथेरेपी और स्पीच थेरेपी भी शुरू की गई ताकि वे अपनी नई शारीरिक स्थिति के साथ सामंजस्य बिठा सकें।

जब मोहन ने पहली बार सर्जरी के बाद आईने में देखा और फिर धीरे-धीरे कुछ शब्द बोलने की कोशिश की, तो उनके और उनके परिवार की आँखों में खुशी के आंसू थे। अमर उजाला की खबर में भी इस बात का उल्लेख था कि “सफल ऑपरेशन के लिए मरीज व उनके परिजनों ने हॉस्पिटल व चिकित्सकों का आभार जताया।” यह आभार हमारे लिए सबसे बड़ा इनाम है। यह हमें यह याद दिलाता है कि हमारा काम सिर्फ दवाएं देना या सर्जरी करना नहीं है, बल्कि उम्मीद और जीवन को बहाल करना है।

मोहन अब अपनी रिकवरी की राह पर हैं और जल्द ही एक सामान्य जीवन जीने की ओर अग्रसर होंगे। उनकी यह कहानी उन सभी लोगों के लिए एक मिसाल है जो कैंसर से जूझ रहे हैं – कि सही समय पर सही निदान और उचित उपचार से आशा नहीं खोनी चाहिए।

मंथन हॉस्पिटल: विशेषज्ञता और मानवीय स्पर्श का संगम

यह सफल ऑपरेशन मंथन हॉस्पिटल की प्रतिबद्धता और क्षमताओं का एक और प्रमाण है। हम प्रयागराज में स्वास्थ्य सेवा के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे पास न केवल अत्याधुनिक सर्जिकल उपकरण और उन्नत चिकित्सा तकनीकें हैं, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण, समर्पित और अनुभवी चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की एक टीम है।

जैसे डॉ. आशीष कुमार पांडेय ऑन्कोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं, वैसे ही मंथन हॉस्पिटल में अन्य विशेषज्ञ भी हैं। उदाहरण के लिए, डॉ. अभिषेक द्विवेदी (मैं स्वयं) न्यूरोलॉजी और सामान्य चिकित्सा में विशेषज्ञता रखते हुए, अल्ज़ाइमर जैसी जटिल बीमारियों और अन्य मौसमी स्वास्थ्य चुनौतियों पर भी व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। हम समझते हैं कि स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें विविध होती हैं, और हमारा लक्ष्य “स्वस्थ नैनी के संकल्प” के साथ हर वर्ग के रोगियों को व्यापक और सहानुभूतिपूर्ण देखभाल प्रदान करना है। चाहे वह जटिल कैंसर सर्जरी हो, न्यूरोलॉजिकल विकार हो, या मौसमी संक्रमण, हम आपकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर हैं।

आगे की राह: जागरूकता और नियमित जांच का महत्व

मोहन की कहानी हमें यह भी सिखाती है कि शुरुआती पहचान कितनी महत्वपूर्ण है। मुंह के कैंसर या किसी भी अन्य गंभीर बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सा सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। नियमित जांच और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है।

मंथन हॉस्पिटल प्रयागराज में, हम आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। हम आपको आश्वस्त करते हैं कि हमारी टीम सदैव आपकी सेवा में है, नवीनतम चिकित्सा विज्ञान और मानवीय देखभाल के साथ।

हमें उम्मीद है कि मोहन की यह प्रेरक कहानी आपको हिम्मत देगी और यह दिखाएगी कि सही चिकित्सा सहायता से जीवन की किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।

नोट: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे किसी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी चिकित्सा समस्या के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें। डॉ. आशीष कुमार पांडेय, डॉ. अभिषेक द्विवेदी और मंथन हॉस्पिटल की विशेषज्ञ टीम आपकी व्यक्तिगत ज़रूरतों के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन और उपचार प्रदान करने के लिए हमेशा उपलब्ध है।