किडनी ही है ‘मास्टर फ़िल्टर’ : ये 7 संकेत न करें अनदेखा, किडनी रोग से बचने के 7 उपाय जानें

नमस्ते! मैं, डॉ. अभिषेक द्विवेदी, निदेशक, मंथन हॉस्पिटल, एक बार फिर आपसे मुखातिब हूँ।

त्योहारों और भक्ति के इस माहौल में हम अक्सर बाहर की सफ़ाई पर तो पूरा ध्यान देते हैं, लेकिन अपने शरीर के अंदर के सफ़ाई कर्मचारियों को भूल जाते हैं। मैं बात कर रहा हूँ हमारी किडनी की—हमारे शरीर के ‘मास्टर फ़िल्टर’ की।

किडनी हमारे शरीर का एक ऐसा महत्वपूर्ण अंग है जो बिना शोर किए 24 घंटे काम करता है। यह रक्त को छानता है, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, और हमारे शरीर में पानी तथा ज़रूरी खनिजों का संतुलन बनाए रखता है। लेकिन, जब यह ‘फ़िल्टर’ ख़राब होने लगता है, तो संकेत बहुत धीमे आते हैं। इसीलिए किडनी रोगों को अक्सर ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है।

मेरा मानना है कि जागरूकता ही सबसे पहला और सबसे बड़ा उपचार है। अगर हम किडनी रोगों को समय पर पहचान लें और रोकथाम के उपायों को अपना लें, तो एक स्वस्थ और लंबा जीवन जी सकते हैं। आइए, आज हम इसी गंभीर विषय पर खुलकर बात करते हैं।


किडनी रोगों के 7 प्रमुख चेतावनी संकेत

किडनी के रोग अक्सर तब तक पता नहीं चलते जब तक वे गंभीर न हो जाएँ, लेकिन आपका शरीर कुछ संकेत ज़रूर देता है। मेरी सलाह है कि इन लक्षणों को कभी नज़रअंदाज़ न करें:

  1. लगातार थकान और ऊर्जा की कमी : जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं। इससे एनीमिया (खून की कमी) भी हो सकता है, जिसके कारण आपको हमेशा थकावट महसूस होगी, भले ही आपने पर्याप्त आराम किया हो।
  2. सूजन (Swelling) : चेहरे, हाथों, पैरों और टखनों में सूजन आ सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ख़राब किडनी शरीर से अतिरिक्त सोडियम और पानी को बाहर नहीं निकाल पाती।
  3. पेशाब में बदलाव : पेशाब की मात्रा में कमी या वृद्धि, विशेष रूप से रात में बार-बार पेशाब आना, एक स्पष्ट संकेत है।
  4. पेशाब में झाग या खून आना : अगर पेशाब में असामान्य रूप से ज़्यादा झाग आ रहा है, तो इसका मतलब है कि पेशाब में प्रोटीन निकल रहा है, जो किडनी को नुकसान पहुँचने का संकेत है।
  5. उच्च रक्तचाप (High BP) : किडनी, रक्तचाप को नियंत्रित करने वाले हार्मोन भी बनाती है। किडनी के ख़राब होने पर रक्तचाप तेज़ी से बढ़ सकता है। यह लक्षण, कारण भी है और रोग का परिणाम भी।
  6. मतली और उल्टी : शरीर में विषाक्त पदार्थों (Toxins) के जमा होने से मतली, उल्टी और भूख न लगने जैसी शिकायतें हो सकती हैं।
  7. जोड़ों या पीठ में दर्द : अगर आपको पसलियों के निचले हिस्से में लगातार दर्द महसूस होता है, तो यह किडनी में पथरी या संक्रमण का संकेत हो सकता है।

किडनी रोगों के 5 प्रमुख कारण: आपके स्वास्थ्य के ‘शत्रु’

किडनी फेलियर के 80% से अधिक मामलों के पीछे सिर्फ दो मुख्य कारण होते हैं, और उन्हें नियंत्रित करना पूरी तरह हमारे हाथ में है:

  1. अनियंत्रित मधुमेह (Diabetes): ब्लड शुगर का हाई लेवल किडनी की लाखों छोटी रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को धीरे-धीरे नुकसान पहुँचाता है। मधुमेह, किडनी रोग का सबसे प्रमुख कारण है।
  2. उच्च रक्तचाप (High BP): हाई ब्लड प्रेशर किडनी की नलिकाओं पर निरंतर दबाव डालता है, जिससे वे कमज़ोर होकर फ़िल्टर करने की क्षमता खो देती हैं।
  3. मोटापा और ख़राब जीवनशैली: मोटापा न केवल मधुमेह और रक्तचाप को बढ़ाता है, बल्कि यह किडनी पर सीधा दबाव भी डालता है।
  4. किडनी में पथरी: यदि पथरी मूत्रमार्ग में रुकावट पैदा करती है, तो लंबे समय तक दबाव के कारण किडनी को क्षति पहुँचती है।
  5. कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव: बिना डॉक्टरी सलाह के ली गई दर्द निवारक दवाएँ (OTC Painkillers) लंबे समय में किडनी के ऊतकों को गंभीर नुकसान पहुँचा सकती हैं।

किडनी रोगों की 7 प्रभावी रोकथाम तकनीक

मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि किडनी रोगों का इलाज करने से बेहतर है कि उन्हें होने से ही रोका जाए। रोकथाम के ये 7 उपाय आपकी किडनी को स्वस्थ रखने का ‘रक्षा कवच’ हैं:

  • रक्तचाप और मधुमेह नियंत्रित रखें : यह सबसे महत्वपूर्ण है। अपनी दवाएँ समय पर लें और ब्लड शुगर (HbA1c) को नियमित रूप से मॉनिटर करें।
  • स्वस्थ वज़न बनाए रखें : नियमित व्यायाम और संतुलित आहार के माध्यम से मोटापे को दूर रखें।
  • पर्याप्त पानी पिएं : पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने का काम करता है। हालाँकि, किडनी की समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह से ही पानी की मात्रा तय करें।
  • नमक का सेवन कम करें : नमक रक्तचाप बढ़ाता है, इसलिए पैक्ड फूड्स और फ़ास्ट फ़ूड से बचें।
  • धूम्रपान और शराब से बचें : धूम्रपान किडनी के साथ-साथ रक्तचाप को भी बढ़ाता है। यह किडनी को सीधा नुकसान पहुँचाता है।
  • दर्द निवारक दवाएँ सोच-समझकर लें : बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी दर्द निवारक या जड़ी-बूटी वाली दवा (Herbal Supplements) न लें।
  • नियमित स्वास्थ्य जाँच करवाएँ : 30 वर्ष की आयु के बाद हर साल रक्तचाप, रक्त शर्करा और किडनी फंक्शन टेस्ट (Creatinine and eGFR) ज़रूर करवाएँ।

हम आपकी सेहत की चिंता करते हैं : मंथन हॉस्पिटल का वादा

मंथन हॉस्पिटल में हम किडनी रोगों के निदान, उपचार और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखते हैं। मैं, डॉ. अभिषेक द्विवेदी, और हमारी अनुभवी टीम, सिर्फ बीमारी को ठीक करने पर ही ध्यान नहीं देते, बल्कि मरीज़ के समग्र स्वास्थ्य (Holistic Health) और बेहतर जीवन की गुणवत्ता को बहाल करने पर ज़ोर देते हैं।

हमारी इसी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है हमारा अत्याधुनिक डायलिसिस सेंटर। हमें यह बताते हुए गर्व है कि यह नैनी, प्रयागराज का पहला उन्नत (Advanced) डायलिसिस सेंटर है, जहाँ मरीज़ों को जीवन रक्षक देखभाल मिलती है। यहाँ हमारे विशेषज्ञ डॉक्टर और प्रशिक्षित स्टाफ नवीनतम डायग्नोस्टिक उपकरण और विशेष देखभाल प्रोटोकॉल के साथ हर तरह की जटिलताओं को समझते हैं, जिससे मरीज़ को उच्चतम स्तर की सेवा मिल सके।

हम आपके स्वास्थ्य की ज़रूरतों के आधार पर एक व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करते हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि हर मरीज़ और उसकी बीमारी अद्वितीय होती है। हम आपकी किडनी को स्वस्थ रखने में आपकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

याद रखें, किडनी स्वास्थ्य आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मंथन हॉस्पिटल आपके स्वास्थ्य की चिंता करता है, और हम आपकी किडनी को स्वस्थ रखने में आपकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Disclaimer: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से दी गई है और इसे किसी भी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर या किडनी विशेषज्ञ से परामर्श करें।