फैटी लिवर का दिल पर वार: डॉ. अभिषेक द्विवेदी की महत्वपूर्ण सलाह

नमस्ते! मैं डॉ. अभिषेक द्विवेदी, मंथन हॉस्पिटल, नैनी, प्रयागराज से।

आज मैं आपसे एक ऐसी बात साझा करने जा रहा हूँ, जो शायद आपको चौंका दे। हम अक्सर सोचते हैं कि फैटी लिवर (Fatty Liver) की समस्या सिर्फ हमारे लिवर को नुकसान पहुँचाती है, लेकिन मेरे अनुभव में, और हाल के कई शोधों में भी यह सामने आया है कि फैटी लिवर सीधे हमारे दिल के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। जी हाँ, यह आपकी सोच से कहीं ज़्यादा गंभीर है। फैटी लिवर के कारण, विशेष रूप से नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD), हार्ट फेलियर का खतरा काफी बढ़ जाता है। आइए, मैं आपको सरल शब्दों में समझाता हूँ कि यह कैसे होता है और आप खुद को इस दोहरी समस्या से कैसे बचा सकते हैं।


लिवर और दिल का गहरा रिश्ता

डॉ. अभिषेक का मानना है कि शरीर के सभी अंग एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। जब लिवर में अतिरिक्त वसा जमा होने लगती है, तो यह कई समस्याओं की जड़ बन जाती है, जो अंततः दिल को नुकसान पहुँचाती हैं। मैं इस प्रक्रिया को तीन मुख्य चरणों में बाँटकर आपको बताता हूँ:

1. सूजन (Inflammation) की शुरुआत: जब लिवर की कोशिकाओं में फैट जमा होता है, तो वह सूजन पैदा करता है। यह सूजन कोई छोटी-मोटी समस्या नहीं है, बल्कि यह एक अलार्म की तरह है जो बताता है कि शरीर के अंदर कुछ ठीक नहीं है।

2. इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा: लिवर की सूजन से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ जाती है। इसका मतलब है कि शरीर की कोशिकाएँ इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाती हैं। इंसुलिन वह हार्मोन है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। जब कोशिकाएँ इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं करतीं, तो ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जो लिवर और दिल दोनों के लिए हानिकारक है।

3. धमनियों पर दबाव: बढ़ा हुआ ब्लड शुगर और पुरानी सूजन धमनियों (Arteries) की दीवारों को नुकसान पहुँचाती है, जिससे वे सख्त हो जाती हैं। जब धमनियां सख्त होती हैं, तो दिल को रक्त पंप करने के लिए बहुत ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इस अतिरिक्त दबाव से दिल की मांसपेशियाँ कमजोर होने लगती हैं और धीरे-धीरे हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।

एक अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की स्टडी में भी यह बताया गया है कि NAFLD वाले वयस्कों में हार्ट फेलियर का जोखिम काफी अधिक होता है, खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले कभी दिल की बीमारी का पता नहीं चला था। इसलिए, मेरे लिए यह बहुत ज़रूरी है कि हर कोई इस छुपे हुए खतरे को समझे।


फैटी लिवर और दिल की बीमारी के लक्षण

अक्सर फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण दिखते ही नहीं, लेकिन जब यह लिवर को गंभीर नुकसान पहुँचाता है, तो कुछ संकेत मिलने लगते हैं। अगर आपको फैटी लिवर के साथ-साथ ये लक्षण भी दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • लगातार थकान: बिना किसी कारण के हमेशा थका हुआ महसूस करना।
  • सांस लेने में तकलीफ: थोड़ी सी भी मेहनत करने पर सांस फूलना।
  • पैरों और टखनों में सूजन: दिल के कमजोर होने पर शरीर में पानी जमा होने लगता है।
  • पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द: लिवर के स्थान पर हल्का या तेज दर्द महसूस होना।

ये लक्षण बताते हैं कि शरीर के अंदर की समस्या अब बाहर दिखने लगी है। डॉ. द्विवेदी के अनुसार, इन लक्षणों को कभी भी हल्के में न लें।


बचाव ही सबसे बड़ा उपचार: डॉ. अभिषेक के सुझाव

अच्छी बात यह है कि आप अपनी जीवनशैली में बदलाव करके इस दोहरे खतरे को कम कर सकते हैं। फैटी लिवर और दिल की सेहत दोनों को बेहतर बनाने के लिए मेरी ये सलाहें आपके बहुत काम आएंगी:

1. वजन कम करें: यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है। शरीर का सिर्फ 5-10% वजन कम करने से भी लिवर में जमा फैट और सूजन में काफी कमी आती है। इससे दिल पर पड़ने वाला दबाव भी कम होता है। वजन कम करने के लिए, मीठे और तला हुआ खाने से बचें और नियमित रूप से व्यायाम करें।

2. स्वस्थ आहार अपनाएं: आप जो खाते हैं, वह सीधे आपके लिवर और दिल को प्रभावित करता है।

  • क्या खाएं: ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज (जौ, ओट्स), दालें और लीन प्रोटीन (अंडे, चिकन)।
  • क्या न खाएं: प्रोसेस्ड फूड, शुगर वाली ड्रिंक्स, रिफाइंड कार्ब्स (मैदा), और अनहेल्दी फैट्स (फास्ट फूड)।

3. नियमित व्यायाम करें: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट (लगभग 21 मिनट रोज़ाना) की मध्यम-इंटेंसिटी की एरोबिक एक्सरसाइज करें। जैसे- ब्रिस्क वॉकिंग, जॉगिंग, साइकिल चलाना, या स्विमिंग। साथ ही, मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने वाले व्यायाम भी ज़रूर करें। यह आपके लिवर को फैट जलाने और दिल को मजबूत बनाने में मदद करता है।

4. शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें: अगर आपको डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल है, तो उसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। इन दोनों ही समस्याओं का सीधा संबंध फैटी लिवर और दिल की बीमारी से है। नियमित रूप से अपनी जांच कराएं।

5. स्मोकिंग और शराब से परहेज: डॉ. अभिषेक का कहना है कि स्मोकिंग और शराब दोनों ही हमारे लिवर और दिल के लिए ज़हर की तरह हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपका दिल और लिवर स्वस्थ रहें, तो इन दोनों से दूरी बनाए रखें।

6. पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन: अच्छी नींद और तनाव को नियंत्रित करना भी बेहद ज़रूरी है। मेरे अनुभव में, तनाव और नींद की कमी दोनों ही शरीर में सूजन को बढ़ाते हैं, जो इस पूरे चक्र को और खराब कर सकती है।

डॉ. अभिषेक द्विवेदी का अंतिम संदेश: याद रखें, फैटी लिवर सिर्फ लिवर की समस्या नहीं है। यह एक संकेत है कि आपकी जीवनशैली आपके दिल को भी खतरे में डाल रही है। समय पर सही कदम उठाकर, आप अपनी सेहत की बागडोर अपने हाथों में ले सकते हैं। अपने लिवर को स्वस्थ रखें, और आपका दिल भी स्वस्थ रहेगा।

आपका स्वास्थ्य, आपकी जिम्मेदारी।


अस्वीकरण (Disclaimer): यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। यह किसी भी तरह से पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या बीमारी से संबंधित जानकारी के लिए, हमेशा अपने डॉक्टर या किसी योग्य स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर कभी भी पेशेवर चिकित्सा सलाह की उपेक्षा न करें या उपचार में देरी न करें।