हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज: कहीं ये ‘जिगरी यार’ आपकी जान के दुश्मन तो नहीं? – डॉ. अभिषेक द्विवेदी की चेतावनी

नमस्ते! मंथन हॉस्पिटल – मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की ओर से, मैं, डॉ. अभिषेक द्विवेदी, आज आपसे एक अत्यंत गंभीर और आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तेजी से फैल रही स्वास्थ्य चुनौती के बारे में बात करने जा रहा हूँ। ये हैं हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) और डायबिटीज (मधुमेह)। अक्सर हम इन दोनों को अलग-अलग बीमारियाँ मानते हैं, लेकिन मेरा अनुभव कहता है कि ये दोनों आपस में ऐसे गहरे जुड़े हुए हैं जैसे ‘जय और वीरू’ की जोड़ी! अफसोस की बात है कि इनकी यह ‘दोस्ती’ हमारी सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं है, बल्कि जानलेवा साबित हो सकती है।

मंथन हॉस्पिटल में, हम रोजाना ऐसे कई मरीज देखते हैं जो इन दोनों बीमारियों से एक साथ जूझ रहे होते हैं, और जब ये दोनों मिल जाते हैं, तो शरीर पर इनका हमला कई गुना बढ़ जाता है। आज के इस विस्तृत आलेख में, मैं आपको विस्तार से बताऊंगा कि आखिर इनका क्या ‘चक्कर’ है, ये मिलकर हमारी सेहत को कैसे नुकसान पहुँचाते हैं, इनसे कैसे बचा जाए, और अगर ये दुर्भाग्यवश आपको हो जाएं तो क्या किया जाए। मेरा उद्देश्य आपको डराना नहीं, बल्कि जागरूक करना है ताकि आप अपनी सेहत की बागडोर अपने हाथों में ले सकें।


जब दो मिलते हैं… तो क्या होता है? (हाइपरटेंशन और मधुमेह का खतरनाक कनेक्शन)

आप में से कई लोग सोच रहे होंगे कि ब्लड प्रेशर का शुगर से क्या लेना-देना? जनाब, लेना-देना बहुत गहरा है! दरअसल, इन दोनों बीमारियों के पीछे कई कॉमन ‘विलेन’ छिपे हुए हैं – और वो विलेन अक्सर हमारी खुद की बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल ही होती है!

  1. एक ही सिक्के के दो पहलू: अस्वास्थ्यकर खानपान (प्रोसेस्ड फूड, अधिक चीनी और नमक), बढ़ता तनाव (जिसे हम अक्सर नज़रअंदाज़ करते हैं), मोटापे का शिकंजा (खासकर पेट के आसपास चर्बी का जमाव) और कसरत से दूरी (शारीरिक निष्क्रियता) – ये सभी कारक हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज दोनों को एक साथ न्योता देते हैं। ये एक-दूसरे के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनाते हैं।
  2. इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) का साइड इफेक्ट: डायबिटीज का सबसे आम प्रकार, टाइप 2 डायबिटीज, अक्सर इंसुलिन प्रतिरोध से शुरू होता है। इसका मतलब है कि आपके शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन हार्मोन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करतीं। जब शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता, तो ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। लेकिन, यह केवल शुगर तक ही सीमित नहीं है। इंसुलिन प्रतिरोध अक्सर हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ा होता है क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है, जिससे वे अधिक कठोर हो जाती हैं और रक्तचाप बढ़ जाता है।
  3. धमनियों पर डबल अटैक: डायबिटीज हमारी खून की नलियों (धमनियों) को कमजोर और कम लचीला बना देती है। उच्च रक्त शर्करा धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुँचाती है, जिससे वे सख्त हो जाती हैं और उनमें प्लाक जमने लगता है (एथेरोस्क्लेरोसिस)। जब ये नलियां सख्त हो जाती हैं, तो हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ना लाजमी है। कल्पना कीजिए एक पानी के पाइप की, जो पहले लचीला था और अब कठोर और संकरा हो गया है; उसमें पानी का दबाव तो बढ़ेगा ही।
  4. शरीर की सूजन (Inflammation): मोटापा और अस्वस्थ जीवनशैली से शरीर में क्रोनिक सूजन (chronic inflammation) पैदा होती है। यह सूजन इंसुलिन प्रतिरोध और रक्त वाहिकाओं को नुकसान दोनों में योगदान करती है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज दोनों का जोखिम बढ़ जाता है।

और इनका मिलना हमारी सेहत के लिए और भी खतरनाक हो जाता है, क्योंकि ये मिलकर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर ‘डबल अटैक’ करते हैं, जिससे दिल की बीमारी (हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर), किडनी खराब होना, स्ट्रोक (मस्तिष्क का दौरा), आंखों की रोशनी जाने (रेटिनोपैथी), नसों का डैमेज (न्यूरोपैथी) और पैरों की गंभीर समस्याएँ (डायबिटिक फुट) जैसी गंभीर जटिलताओं का खतरा कई गुना बढ़ा देते हैं। ये एक दुष्चक्र बन जाता है जहाँ एक बीमारी दूसरी को और बदतर बनाती है।


कौन हैं वो जो इस खतरे के दायरे में हैं? (जोखिम कारक)

कुछ चीजें ऐसी हैं जो आपको हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के इस ‘खतरनाक दोस्ती’ के करीब ला सकती हैं। इन जोखिम कारकों को समझना आपको समय रहते सावधान होने में मदद करेगा:

  1. मोटापा और पेट की चर्बी का डेरा: यह सबसे बड़ा जोखिम कारक है। जिनका वजन ज्यादा होता है, खासकर पेट के आसपास चर्बी जमा होती है (सेंट्रल ओबेसिटी), उनमें इंसुलिन प्रतिरोध और हाई ब्लड प्रेशर दोनों का खतरा बहुत बढ़ जाता है। पेट की चर्बी हार्मोन और सूजन वाले रसायन छोड़ती है जो रक्तचाप और रक्त शर्करा को प्रभावित करते हैं।
  2. धूम्रपान और शराब की बुरी आदत: ये दोनों ही हमारी रक्त वाहिकाओं को सीधे नुकसान पहुंचाते हैं, उन्हें संकरा करते हैं और उनकी लचीलेपन को कम करते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। शराब का अधिक सेवन रक्त शर्करा के स्तर को भी बिगाड़ सकता है।
  3. परिवार का इतिहास (Family History): अगर आपके माता-पिता, भाई-बहन या दादा-दादी में से किसी को हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज है, तो आपको भी सावधान रहने की जरूरत है। आनुवंशिकी (genetics) एक भूमिका निभाती है, हालांकि जीवनशैली से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
  4. उम्र का बढ़ना: चालीस की उम्र के बाद इन बीमारियों के होने की संभावना थोड़ी बढ़ जाती है, क्योंकि उम्र के साथ शरीर की कार्यप्रणाली में बदलाव आते हैं। हालांकि, आजकल युवा भी इन बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
  5. तनाव और नींद की कमी का अंधेरा: आजकल की टेंशन भरी जिंदगी और नींद पूरी न होने से भी शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (जैसे कोर्टिसोल) बढ़ते हैं, जो ब्लड प्रेशर और शुगर का संतुलन बिगाड़ सकते हैं। क्रोनिक तनाव से अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों और शारीरिक निष्क्रियता को भी बढ़ावा मिलता है।
  6. शारीरिक निष्क्रियता: नियमित व्यायाम की कमी शरीर में वसा के जमाव और इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाती है।

अब बात करते हैं बचाव की… समझदारी से जिएं, स्वस्थ रहें!

अच्छी खबर यह है कि हम अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव करके इन दोनों बीमारियों से काफी हद तक बच सकते हैं और यदि वे हो भी जाएं तो उन्हें प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं। जैसा कि मैं मंथन हॉस्पिटल में हमेशा जोर देता हूँ, निवारक स्वास्थ्य देखभाल (Preventive Healthcare) ही सर्वोत्तम उपचार है।

  1. अपनी दिनचर्या को पटरी पर लाएं (नियमित व्यायाम):
    • नियमित शारीरिक गतिविधि: रोजाना कम से कम 30-45 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली कसरत (जैसे तेज चलना, जॉगिंग, साइकिल चलाना, तैरना या योग) को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। यह आपके हृदय को मजबूत करता है, वजन नियंत्रित करता है, इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है और तनाव को कम करता है।
    • काम के बीच में ब्रेक: यदि आप डेस्क जॉब करते हैं, तो हर घंटे में कुछ मिनट के लिए उठें और स्ट्रेच करें या थोड़ा टहलें। यह रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
  2. थाली में सेहत परोसें (संतुलित आहार):
    • नमक और चीनी कम करें: अपने खाने में नमक और चीनी की मात्रा कम करें। प्रोसेस्ड फूड, पैकेटबंद स्नैक्स और मीठे पेय पदार्थों से बचें, क्योंकि इनमें अक्सर ये दोनों बहुत अधिक मात्रा में होते हैं।
    • फाइबर युक्त आहार: दलिया, साबुत अनाज, फल, हरी सब्जियां, दालें और नट्स जैसे फाइबर वाली चीजें खूब खाएं। फाइबर रक्त शर्करा को नियंत्रित करने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
    • स्वस्थ वसा: स्वस्थ वसा वाले खाद्य पदार्थ जैसे जैतून का तेल, एवोकैडो, नट्स और बीज को शामिल करें।
    • जंक फूड को ‘नो एंट्री’: पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, और अत्यधिक तले हुए भोजन जैसे जंक फूड को अपनी थाली से ‘नो एंट्री’ का बोर्ड दिखा दें। ये ट्रांस फैट और सोडियम से भरपूर होते हैं।
    • पोर्शन कंट्रोल: भोजन की मात्रा पर ध्यान दें। भले ही भोजन स्वस्थ हो, अधिक मात्रा में खाना भी हानिकारक हो सकता है।
  3. वजन को रखें कंट्रोल में (स्वस्थ वजन):
    • अपनी हाइट के हिसाब से सही वजन (BMI – बॉडी मास इंडेक्स) बनाए रखें।
    • पेट की चर्बी को कम करना हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज दोनों से लड़ने का पहला और सबसे प्रभावी कदम है। कमर की बढ़ती माप एक खतरे की घंटी है।
  4. नियमित चेकअप है जरूरी (निवारक स्क्रीनिंग):
    • साल में कम से कम एक बार अपना ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर (खाली पेट और खाना खाने के बाद) और कोलेस्ट्रॉल लेवल जरूर चेक कराएं।
    • यदि आपके परिवार में इन बीमारियों का इतिहास है या आप जोखिम कारकों के दायरे में हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर अधिक बार जांच कराएं। शुरुआती पहचान हो जाए तो बड़ी मुश्किलों से बचा जा सकता है और जीवनशैली में बदलाव करके या दवाओं से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
  5. डॉक्टर की सुनें, दवा लें (चिकित्सा प्रबंधन):
    • अगर डॉक्टर ने आपको हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के लिए कोई दवा दी है तो उसे समय पर और सही तरीके से लें।
    • अपनी मर्जी से दवा बंद करना या खुराक बदलना बेहद खतरनाक हो सकता है। दवाओं का पालन करना इन बीमारियों को नियंत्रित रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
    • नियमित रूप से अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें और अपनी स्थिति की समीक्षा करवाते रहें।
  6. तनाव को कहें ‘बाय-बाय’ (तनाव प्रबंधन):
    • मेडिटेशन (ध्यान), योग (जैसा कि हमने मंथन हॉस्पिटल में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जोर दिया), संगीत सुनना, अपनी हॉबीज को टाइम देना या कुछ ऐसा करें जिससे आपको सुकून मिले।
    • पर्याप्त नींद लें (7-8 घंटे)। नींद की कमी स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ाती है और इंसुलिन संवेदनशीलता को कम करती है।
    • तनाव को कंट्रोल करना इन बीमारियों से बचने और उन्हें प्रबंधित करने का एक बड़ा हथियार है।

मंथन हॉस्पिटल: आपकी सेहत का विश्वसनीय साथी

मंथन हॉस्पिटल प्रयागराज में, हम समझते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी पुरानी बीमारियों का प्रबंधन एक जीवन भर की प्रतिबद्धता है। हमारी विशेषज्ञ टीम, जिसमें मैं डॉ. अभिषेक द्विवेदी और अन्य अनुभवी चिकित्सक (जैसे डॉ. आशीष कुमार पांडेय कैंसर और सर्जरी में, डॉ. आदर्श द्विवेदी अन्य विशेषज्ञताओं में) शामिल हैं, आपको इन बीमारियों को रोकने, उनका निदान करने और प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

हम आपको प्रदान करते हैं:

  • व्यापक निदान: सटीक ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और अन्य संबंधित परीक्षणों के माध्यम से इन बीमारियों का सटीक निदान।
  • व्यक्तिगत उपचार योजना: आपकी विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं और जीवनशैली के अनुरूप बनाई गई व्यक्तिगत उपचार योजनाएँ।
  • निवारक सलाह: जीवनशैली में बदलाव, आहार प्रबंधन और व्यायाम पर विस्तृत मार्गदर्शन।
  • विशेषज्ञ परामर्श: एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (मधुमेह विशेषज्ञ), कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ), और नेफ्रोलॉजिस्ट (गुर्दा रोग विशेषज्ञ) सहित विभिन्न विशेषज्ञों से परामर्श।
  • शिक्षा और जागरूकता: हम आपको और आपके परिवार को इन बीमारियों के बारे में शिक्षित करने पर जोर देते हैं ताकि आप अपनी स्थिति को बेहतर ढंग से समझ सकें और उसका प्रबंधन कर सकें।

मंथन हॉस्पिटल “स्वस्थ नैनी के संकल्प” के साथ अपने समुदाय की सेवा के लिए हमेशा तैयार है। हम आपको आश्वस्त करते हैं कि हमारी टीम सदैव आपकी सेवा में है, नवीनतम चिकित्सा विज्ञान और मानवीय देखभाल के साथ।


मेरा अंतिम संदेश: हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज दो अलग-अलग बीमारियाँ जरूर हैं, लेकिन इनका आपस में गहरा नाता है और ये मिलकर हमारी सेहत को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं। लेकिन अच्छी बात ये है कि थोड़ी सी सावधानी और अपनी जीवनशैली में समझदारी भरे बदलाव करके हम इनसे बच सकते हैं और यदि ये हो भी जाएं, तो एक स्वस्थ, खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं। याद रखिए, बीमारी होने से पहले ही सावधानी बरतना हमेशा बेहतर होता है! अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लें, और एक स्वस्थ भविष्य की ओर बढ़ें।


नोट: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे किसी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं समझना चाहिए। किसी भी चिकित्सा समस्या के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें। डॉ. अभिषेक द्विवेदी और मंथन हॉस्पिटल की विशेषज्ञ टीम आपकी व्यक्तिगत ज़रूरतों के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन और उपचार प्रदान करने के लिए हमेशा उपलब्ध है।


Comments

One response to “हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज: कहीं ये ‘जिगरी यार’ आपकी जान के दुश्मन तो नहीं? – डॉ. अभिषेक द्विवेदी की चेतावनी”

  1. Mritunjay pandey Avatar
    Mritunjay pandey

    सादर प्रणाम सर प्रयागराज जमुना पार की सबसे सर्वोत्तम डॉक्टर में से एक आपकी गणना की जा रही है, ऐसे बहुत लोगों को मैं जानता हूं जिससे आपकी उपचार से उन्हें, उनके स्वास्थ्य में चमत्कारी लाभ प्राप्त हुआ

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