ठंड के मौसम में जोड़ों का दर्द क्यों बढ़ जाता है?

सर्दियों का मौसम अपने साथ ठंडी हवाएं और ठिठुरन लाता है, लेकिन यह उन लोगों के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो जोड़ों के दर्द से पीड़ित हैं। डॉ. अभिषेक द्विवेदी, निदेशक, मंथन हॉस्पिटल, प्रयागराज के अनुसार, उम्रदराज लोगों, गठिया रोगियों और हड्डियों की समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों के लिए ठंड का मौसम जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकता है। उचित देखभाल और सावधानियों से इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। आइए समझते हैं कि ठंड क्यों जोड़ों के दर्द को बढ़ाती है और इससे बचने के क्या उपाय किए जा सकते हैं।

ठंड क्यों बढ़ाती है जोड़ों का दर्द?

कम तापमान

ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे जोड़ों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। इससे जोड़ों में अकड़न और दर्द बढ़ सकता है। रक्त संचार की कमी से कार्टिलेज को उचित पोषण नहीं मिल पाता, जिससे जोड़ कमजोर हो सकते हैं। ठंड में मांसपेशियां भी कठोर हो जाती हैं, जिससे जोड़ों की लचक कम हो जाती है और दर्द बढ़ सकता है।

बैरोमेट्रिक दबाव में बदलाव

ठंड के मौसम में बैरोमेट्रिक दबाव में बदलाव होता है, जिसका असर जोड़ों पर पड़ता है। इससे जोड़ों में सूजन और दर्द हो सकता है। जब बैरोमेट्रिक दबाव गिरता है, तो शरीर के अंदरूनी ऊतक फैल सकते हैं, जिससे सूजन बढ़ जाती है और जोड़ों में असहजता महसूस होती है। खासकर, गठिया के मरीजों को इस बदलाव का अधिक प्रभाव झेलना पड़ता है।

शारीरिक गतिविधि में कमी

ठंड के कारण लोग घर से कम निकलते हैं और शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। इससे जोड़ों की गतिशीलता कम हो जाती है और दर्द बढ़ सकता है। निष्क्रियता के कारण जोड़ कठोर हो जाते हैं और उनमें लचीलापन कम हो जाता है। नियमित गति न मिलने के कारण जोड़ों की चिकनाई बनाए रखने वाले तरल (सिनोवियल फ्लूइड) का उत्पादन कम हो सकता है, जिससे दर्द और जकड़न बढ़ जाती है।

जोड़ो के दर्द से कैसे बचें?

गर्म रहें

ठंड के मौसम में गर्म कपड़े पहनें और अपने जोड़ों को गर्म रखें। विशेष रूप से घुटने, कोहनी और टखने जैसे जोड़ों को ठंड से बचाने के लिए ऊनी या थर्मल वस्त्र पहनें। हीट पैड, गर्म पानी की बोतल, या इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का उपयोग करके प्रभावित क्षेत्रों को गर्म रखने से दर्द और जकड़न में राहत मिलती है।

सक्रिय रहें

नियमित रूप से व्यायाम करें और जोड़ों को चलाते रहें। हल्के स्ट्रेचिंग, योग, और तैराकी जैसे व्यायाम जोड़ों की गतिशीलता को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। यदि ठंड के कारण बाहर व्यायाम करना संभव न हो, तो घर के अंदर ही कुछ हल्की कसरत करें, ताकि शरीर सक्रिय बना रहे।

स्वस्थ आहार लें

पौष्टिक आहार लें और भरपूर मात्रा में पानी पिएं। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ (जैसे मछली, अलसी के बीज, अखरोट) जोड़ों की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। विटामिन डी और कैल्शियम युक्त भोजन (जैसे दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां) हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। पानी की पर्याप्त मात्रा लेने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और जोड़ों में लुब्रिकेशन बना रहता है।

वजन नियंत्रित रखें

अधिक वजन जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, इसलिए अपना वजन नियंत्रित रखें। मोटापा घुटनों और कूल्हों पर अधिक दबाव डाल सकता है, जिससे जोड़ों में दर्द और जकड़न की समस्या बढ़ सकती है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से वजन को नियंत्रित रखना आवश्यक है।

डॉक्टर से सलाह लें

यदि आपको जोड़ों में लगातार दर्द हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लें। उचित चिकित्सकीय परामर्श, फिजियोथेरेपी, और आवश्यकतानुसार दवाओं के माध्यम से इस समस्या को प्रबंधित किया जा सकता है। यदि दर्द गंभीर है और घरेलू उपायों से राहत नहीं मिल रही है, तो विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।

याद रखें

जोड़ों का दर्द एक आम समस्या है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आपको लगातार दर्द हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लें और उचित इलाज कराएं। सही देखभाल और जीवनशैली में सुधार करके आप ठंड के मौसम में भी जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते हैं।

डॉ. अभिषेक द्विवेदी का सुझाव:
यदि ठंड के मौसम में जोड़ों के दर्द की समस्या लगातार बनी रहती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। उचित परामर्श और सही इलाज से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

यदि आप अपने जोड़ों के दर्द या किसी भी हड्डी और जोड़ संबंधी समस्या के लिए विशेषज्ञ सलाह चाहते हैं, तो डॉ. अभिषेक द्विवेदी से संपर्क करें।

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